‘सब रोगमुक्‍त बनें, सब सुखी बनें’ कार्यशाला का आयोजन

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‘सब रोगमुक्‍त बनें, सब सुखी बनें’ कार्यशाला का आयोजन

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‘सब रोगमुक्‍त बनें, सब सुखी बनें’ कार्यशाला का प्रारंभ मुनि रवींद्र कुमार जी के नमस्कार महामंत्र से हुआ। मुनि रवींद्र कुमार जी ने कहा कि फास्ट फूड आदतवश अधिक खाने से पाचन तंत्र खराब होता है, हमें मात्रा का ध्यान रखना चाहिए। आहार के विवेक से लंबी आयु पाई जा सकती है। मुनि अतुल कुमार जी ने कहा कि एक बार जब आपका मन पूर्ण रूप से स्थिर हो जाता है तब आपकी बुद्धि मानवीय सीमाओं को पार कर जाती है। मुनिश्री ने प्राणायाम की महत्ता बताते हुए प्राणायाम के प्रयोग करवाए। उन्होंने कहा कि नियमित प्राणायाम करने से पुरुषों में प्रोस्टेट और महिलाओं में बच्चेदानी की समस्या से मुक्‍ति मिलती है साथ ही फेंफड़ों की क्षमता बढ़ने से अधिक ऑक्सीजन मस्तिष्क में जाती है, जिससे मस्तिष्क कभी बीमार नहीं होता। मुनिश्री ने कहा कि चिंता और तनाव में किया गया भोजन बीमारियों को निमंत्रण देता है, भोजन बनाते और खाते समय मन को शांत रखना चाहिए। कार्यक्रम का मंगलाचरण राजतिलक खाब्या, पुष्पा हिंगड़, प्रतीक्षा नैनावटी ने किया। सभा अध्यक्ष सुरेशचंद्र सिंघवी ने मुनिद्वय एवं समागत श्रावक-श्राविकाओं के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।