अणुव्रत काव्यधारा ने दिया अशांत विश्‍व को शांति का संदेश

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अणुव्रत काव्यधारा ने दिया अशांत विश्‍व को शांति का संदेश

मुंबई
आचार्य तुलसी सभागार में अणुव्रत काव्यधारा के रूप में आयोजित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में श्रोताओं ने एक अहिंसक और शांतिप्रिय समाज के निर्माण का संकल्प व्यक्‍त किया। यह कार्यक्रम अणुविभा के नाम से लोकप्रिय अंतर्राष्ट्रीय संस्था अणुव्रत विश्‍व भारती के तत्त्वावधान में अणुव्रत समिति, मुंबई द्वारा आयोजित हुआ। उल्लेखनीय है कि अणुव्रत आंदोलन के 74वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में देशभर में 50 स्थानों पर काव्यधारा कवि सम्मेलनों का आयोजन किया गया। साध्वी राकेश कुमारी जी ने अपने उद्बोधन में दुनिया में बढ़ रहे हिंसा और तनाव के माहौल में अणुव्रत दर्शन को सटीक समाधान बताया। उन्होंने कहा कि अणुव्रत सुधार की बात करता है। आचार्यश्री तुलसी ने कहा थासुधरे व्यक्‍ति समाज व्यक्‍ति से राष्ट्र स्वयं सुधरेगा। समणी डॉ0 मंजुलप्रज्ञा जी और समणी अमृतप्रज्ञा जी ने अपने विचार व्यक्‍त किए। अणुविभा अध्यक्ष संचय जैन ने बताया कि देश की आजादी के बाद महान संत आचार्यश्री तुलसी ने भारत के नागरिकों से असली आजादी अपनाओ का आह्वान करते हुए व्यक्‍ति सुधार के लिए अणुव्रत की एक आचार संहिता प्रस्तुत की थी जिसे बिना किसी धर्म, जाति, रंग या वर्ण भेद के कोई भी व्यक्‍ति अपने जीवन में अपनाकर सुखपूर्वक जीवन जी सकता है। अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण जी के आध्यात्मिक मार्गदर्शन में आज यह आंदोलन संयुक्‍त राष्ट्रसंघ से संबद्ध संस्था अणुविभा के तत्त्वावधान में देशभर में फैली 180 अणुव्रत समितियों और हजारों कार्यकर्ताओं के माध्मय से संयम प्रधान अणुव्रत जीवनशैली के प्रसार में संलग्न है। अणुव्रत गीत से शुभारंभ इस कार्यक्रम में अणुव्रत समिति की अध्यक्ष कंचन सोनी ने बताया कि देश के ख्यातिप्राप्त कवियों ने इस काव्य संध्या को अणुव्रत जीवनशैली को अपनाने के लिए अभिप्रेरित किया। दिल्ली से समागत लोकप्रिय कवयित्री डॉ0 कीर्ति काले, जयपुर राजस्थान से वरिष्ठ कवि इकराम राजस्थानी, राजस्थान शाहपुरा के गीतकार और पैरोडिकार डॉ0 कैलाश मंडेला, हास्य कवि और व्यंग्यकार गौरव शर्मा और मुन्‍ना बैटरी आदि कवियों ने अपनी प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में अणुविभा की राष्ट्रीय टीम में शामिल अध्यक्ष संचय जैन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अविनाश नाहर, उपाध्यक्ष राजेश सुराणा, महामंत्री भीखम सुराणा, न्यासी गणेश कच्छारा, सहमंत्री इंद्र बैंगानी, संगठन मंत्री विनोद कोठारी, संगठन मंत्री डॉ0 कुसुम लुनिया, महाराष्ट्र राज्य प्रभारी रमेश धोका, डॉ0 धनपत लुनिया, काव्यधारा कोर टीम सदस्य नीरज बंबोली, अणुव्रत समिति, मुंबई की अध्यक्षा कंचन सोनी, मंत्री वनिता बाफना, कोषाध्यक्ष ललिता डागलिया सहित अनेक सदस्य उपस्थित थे। विधायक अतुल भातखलकर, नगरसेवक शिवकुमार झा, नगरसेवक संदीप माने, भाजपा मुंबई उपाध्यक्ष विनोद शेलार, नगरसेविका दक्षा पटेल, कुशल गड़िया की उपस्थिति रही। मुबई सभा-संस्थाओं से मदन तातेड़, नरेंद्र तातेड़, के0एल0 परमार, बाबूलाल राठौड़, सुरेंद्र कोठारी, नवरतन गन्‍ना, राकेश सियाल, अशोक तातेड़, रमेश सुतरिया, विजय पटवारी, मनोहर गोखरू, विनोद बोहरा, गणपत डागलिया, कुमुद कच्छारा, तरुणा बोहरा, रचना हिरण, प्रेमलता सिसोदिया, प्रकाश देवी तातेड़, तेजप्रकाश डांगी, संदीप कोठारी, महेश बाफना, सुमन चपलोत, रमेश चौधरी, बलवंत चोरड़िया, दीपक डागलिया, नरेश सोनी, नरेश चपलोत, गौतम डागा, चेतन कोठारी, राजेंद्र मुणोत, नितेश धाकड़, कांता तातेड़ सहित समाज के अनेक गणमान्य व्यक्‍तियों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 कुसुम लुनिया ने और आभार ज्ञापन अणुव्रत समिति, मुंबई मंत्री वनिता बाफना ने किया। सभी कवियों का अणुव्रत पट्टका व प्रतीक चिह्न से सम्मान किया गया। अणुव्रत सेल्फी पॉइंट भी अतिथियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। इस प्रकार 74वें अणुव्रत स्थापना दिवस पर अणुव्रत काव्यधारा के सफल आयोजन अणुव्रत आंदोलन के स्वर्णिम इतिहास का सृजन हुआ।