मर्यादा महोत्सव

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मर्यादा महोत्सव

उधना
मुनि सुव्रत कुमार जी एवं मुनि आलोक कुमार जी आदि के संयुक्‍त सान्‍निध्य में तेरापंथी सभा, कामरेज के तत्त्वावधान में तेरापंथ भवन, बसेरा सोसायटी, कामरेज में तेरापंथ धर्मसंघ के 158वें मर्यादा महोत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में अपने दीक्षा पर्याय के 50 वर्ष पूर्ण कर चुके मुनि सुव्रत कुमार जी ने कहा कि तेरापंथ एकमात्र ऐसा धर्मसंघ है जहाँ मर्यादाओं का महोत्सव मनाया जाता है। आचार्य भिक्षु ने तेरापंथ धर्मसंघ को दीर्घजीवी बनाने के लिए मर्यादाओं का निरूपण किया। मुनिश्री ने मर्यादा महोत्सव के अवसर पर स्वरचित गीत की प्रस्तुति दी। मुनि आलोक कुमार जी ने कहा कि आचार्य भिक्षु ने पौने तीन सौ वर्ष पूर्व तेरापंथ धर्मसंघ की स्थापना की। उनमें नेतृत्व की असीम क्षमता थी। महान व्यक्‍ति वह होता है जो अपने शिष्यों के व्यक्‍तित्व में निखार ला सके। आचार्य भिक्षु कुशल प्रशिक्षक एवं अनुशासक थे। मुनि मंगल प्रकाश जी ने कहा कि अनुशासन और मर्यादाओं का अनुसरण करने वाला व्यक्‍ति अपने घर को भी स्वर्ग बना सकता है। मुनि लक्ष्यकुमार जी ने कहा कि मर्यादा विहीन जीवन डोर से कटी हुई पतंग के समान है। मुनि शुभम कुमार जी ने मर्यादाओं को व्यक्‍तित्व निर्माण की पृष्ठभूमि बनाया। प्रवक्‍ता उपासक अर्जुन मेड़तवाल ने स्वरचित मुक्‍तकों द्वारा अपने भावों की प्रस्तुति दी। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष शंकरलाल मेहता ने आभार ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन मुनि हेम कुमार जी ने किया।