मायानगरी में प्रथम वीतराग पथ कार्यशाला का भव्य आगाज

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मायानगरी में प्रथम वीतराग पथ कार्यशाला का भव्य आगाज

कोलीवाड़ा, मुंबई
अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के निर्देशन में तेयुप, सायन कोलीवाड़ा द्वारा प्रो0 मुनि महेंद्र कुमार जी स्वामी के सान्‍निध्य में वीतराग पथ कार्यशाला का आयोजन किया गया। अभातेयुप के आयाम वीतराग पथ की प्रथम कार्यशाला के आयोजन का सौभाग्य सायन कोलीवाड़ा परिषद को प्राप्त हुआ, जिसकी अध्यक्षता अभातेयुप के उपाध्यक्ष जयेश मेहता द्वारा की गई, साथ में उपस्थित थे सहमंत्री भूपेश कोठारी। जिसमें बड़ी संख्या में बच्चों, युवाओं, ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाओं, श्रावक-श्राविकाओं की सहभागिता के साथ, जीवन जीने की दिशा को समझने हेतु एक सफल मार्गदर्शन प्राप्त किया। माया नगरी मुंबई में भौतिकता की चकाचौंध में डूबे लोगों को अध्यात्म के शिखर मार्ग वीतराग पथ की ओर बढ़ने के भावों को प्रस्तुत करने वाला यह विशेष कार्यक्रम, निरंतर चार घंटे तक तल्लीनता के साथ चला। जिसमें तेयुप सायन कोलीवाड़ा के सभी सदस्यों ने समय का उचित नियोजन करते हुए कार्यशाला को भव्य स्वरूप में आयोजित किया। जिसमें मुंबई सहित कई राज्यों के गणमान्य व्यक्‍तियों ने विशेष उपस्थिति दर्ज करवाई। सर्वप्रथम मुनिश्री द्वारा नमस्कार महामंत्र के संगान से कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। मंगलाचरण चेंबूर के ज्ञानार्थियों ने किया। विजय गीत का संगान सागर सामर द्वारा किया गया। स्वागत वक्‍तव्य तेयुप सायन कोलीवाड़ा के अध्यक्ष सुनील कोठारी ने किया। वीतराग पथ की कार्यशाला का संचालन राष्ट्रीय प्रभारी तरीन मेहता ने किया। सिद्ध मुनि ने एक कहानी के माध्यम से सभी बच्चों को वीतराग के बारे में समझाया। ‘सुख क्या है’ विषय पर एक शॉर्ट वीडियो क्लिक दिखाई गई। मुनि जागृत जी ने इस वीतराग पथ की कार्यशाला के लिए मंगलभावना प्रेषित की। डॉ0 मुनि अभिजीत जी ने अपने अनुभव को सभी के साथ शेयर किया कि किस तरह उनके मन में वैराग्य की भावना जागृत हुई। मुनि अजीत स्वामी ने एक गीतिका का संगान किया। जम्बू स्वामी ने सभी को सामायिक करने की प्रतीज्ञा लेने के लिए कहा। आगम मनीषी मुनि महेंद्र कुमार जी ने वीतराग पथ पर विशेष उद्बोधन प्रेरणा पाथेय प्रदान किया और वर्ष 2023 में युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण जी के मुंबई चातुर्मास के संबंध में इस कार्यशाला के माध्यम से विशेष उपहार की तैयारी करने हेतु इंगित प्रदान किया। अनुमोदना सत्र के दौरान चातुर्मास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष मदन तातेड़ ने कार्यशाला के लिए मंगलभावना प्रेषित की। अभातेयुप के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयेश मेहता ने अपना वक्‍तव्य देते हुए कार्यशाला के बारे में अपने विचार व्यक्‍त किए तथा मुनिवृंद से उनके संयम जीवन को लेकर साक्षात्कार के रूप में प्रश्‍न किए जिसके मुनिवृंद द्वारा प्रेरणादायक उत्तर प्रदान किए। जिससे श्रोताओं को कई महत्त्वपूर्ण व प्रेरणादायक जानकारियाँ प्राप्त हुई। अभातेयुप के सहमंत्री भूपेश कोठारी ने भी कार्यशाला में अपने विचार व्यक्‍त किए तथा अभातेयुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज डागा द्वारा प्रेषित उनके मन की भावना को सभी के समक्ष रखा। युवा गौरव बी0सी0 भालावत ने अभातेयुप के वीतराग पथ आयाम को जन-जन तक पहुँचाने की बात रखी। मुंबई सभा अध्यक्ष नरेंद्र तातेड़ ने अपने विचार व्यक्‍त किए और गीतिका प्रस्तुत की। ज्ञानशाला की आंचलिक संयोजिका
सुमन चपलोत ने इस कार्यशाला को सफल बनाने हेेतु महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए, अपना वक्‍तव्य दिया और कार्यशाला के अनुभव साझा किए। आभार ज्ञापन तेयुप, सायन कोलीवाड़ा के मंत्री शैलेश दुगड़ ने किया।
कार्यक्रम में अभातेयुप के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयेश मेहता, सहमंत्री भूपेश कोठारी, महासभा उपाध्यक्ष अशोक तातेड़, वीतराग राष्ट्रीय प्रभारी तरीन मेहता ने संचालन किया। राष्ट्रीय सह-प्रभारी रूपम पटवा, शाखा प्रभारी मयंक धाकड़, अभातेयुप, मुंबई टीम, महिला मंडल अध्यक्षा रचना हिरण, अणुव्रत समिति, मुंबई अध्यक्ष कंचन सोनी, ज्ञानशाला से शीतल सांखला, महिला मंडल, तेयुप की पूरी टीम, श्रावक समाज के साथ मुंबई के सभी गणमान्य पदाधिकारियों एवं ज्ञानार्थियों सहित कुल 450 से अधिक की उपस्थिति रही।