हमारा जीवन मर्यादा से सुशोभित होता है

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हमारा जीवन मर्यादा से सुशोभित होता है

सोलापुर
श्री जैन स्थानक भवन में मर्यादा महोत्सव का कार्यक्रम साध्वी मधुस्मिताजी एवं साध्वी काव्यलताजी के सान्‍निध्य में मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी मधुस्मिताजी के मुखारविंद से नमस्कार महामंत्र के द्वारा हुआ। तत्पश्‍चात महिला मंडल की बहनों ने मंगलाचरण का संगान किया। साध्वी मधुस्मिताजी ने कहा कि मर्यादाएँ ही व्यक्‍ति या संघ को विकास के शिखर पर पहुँचाती हैं। मर्यादा रक्षा कवच है, बाणों से बचा सकती है। मर्यादा वह अवसाद है जो जीवन की राहों को जगमगा देती है। आकाश सूरज की किरणों से सुशोभित होता है हमारा जीवन मर्यादा से सुशोभित होता है। साध्वी काव्यलताजी ने महामना भिक्षु की जीवनी उनके आचार-विचार तेरापंथ धर्मसंघ की मौलिक मर्यादाएँ आदि विषयों पर प्रेरणा प्रदान की। साध्वीवृंद द्वारा सामुहिक गीतिका का संगान हुआ। साध्वीश्री सहजयशाजी ने अपने दीक्षा के 23 वर्ष पूर्ण होने पर साध्वीश्रीजी से आशीर्वाद प्राप्त किया। तेयुप व महिला मंडल द्वारा सामुहिक गीतिका का संगान किया गया। सभा अध्यक्ष तिलोकचंद बोथरा व मंत्री विनोद कुमार सेठिया ने पधारे हुए सभी अतिथियों का स्वागत व सम्मान किया। मुख्य वक्‍ता के0के0 तिवारी ने वक्‍तव्य दिया। बाहर से पधारे एवं उपस्थित भाई-बहनों ने अपने भावों की अभिव्यक्‍ति दी। ज्ञानशाला के बच्चों ने नाट्य द्वारा प्रस्तुति दी। मुख्य अतिथि कृष्णकांत तिवारी एवं डॉ0 आनंद बागमार, डॉ0 शैलेष पाटिल, डॉ0 पांठरे व स्थानकवासी संघ के अध्यक्ष पदमचंद रांका, मुर्तिपूजक संघ के मंत्री कल्पेश मालू, पश्‍चिम महाराष्ट्र क्षेत्रीय समिति के महामंत्री कैलाश कोठारी की विशेष उपस्थिति रही। श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन डॉ0 शांतिलाल सेठिया द्वारा करवाया गया। आभार ज्ञापन तेरापंथ सभा के मंत्री विनोद सेठिया ने किया। धर्मसंघ के 158वें मर्यादा महोत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आचार्य भिक्षु ने तेरापंथ धर्मसंघ को दीर्घजीवी बनाने के लिए मर्यादाओं का निरूपण किया। कार्यक्रम में विशाल उपस्थिति रही। कार्यक्रम बहुत ही सराहनीय रहा। कार्यक्रम का संचालन तेयुप के मंत्री पारस कोचर ने किया। संघगान के द्वारा कार्यक्रम को संपन्‍न किया गया।