नवीन साहित्य भवन - साहित्य सदनम् का लोकार्पण

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नवीन साहित्य भवन - साहित्य सदनम् का लोकार्पण

लाडनूं
जैन विश्‍व भारती की महत्त्वपूर्ण प्रवृत्तिसाहित्य को तकनीकी एवं भौतिक साहित्य संसार में एक नवीन स्थान प्रदान करने के लिए साहित्य भवन का चिंतन किया गया, जिसका लोकार्पण परमपूज्य आचार्यश्री महाश्रमण जी के पावन सान्‍निध्य में किया गया। जैन विश्‍व भारती में अपनी तरह का यह एक विशिष्ट उपक्रम स्थापित किया गया है जिसमें पुस्तकों के विक्रय, पठन एवं ई-प्रारूप में भी उपलब्धता की व्यवस्था की गई है। भव्य कांच के आवरण के साथ तैयार यह साहित्य सदनम् जैन विश्‍व भारती में आने वाले प्रत्येक पाठक के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। साहित्य सदनम् के निर्माण कार्य सहयोगी यू0एस0ए0 प्रवासी स्वतंत्र बिमला जैन द्वारा आचार्य महाश्रमण षष्टिपूर्ति वर्ष एवं अमृत महोत्सव के अवसर पर सादर समर्पित किया गया है। स्वतंत्र जैन वर्तमान में जैन विश्‍व भारती के ह्यूस्टन सेंटर के प्रभारी भी हैं एवं विगत लंबे समय से जैन विश्‍व भारती की गतिविधियों से अभिन्‍न रूप से जुड़े हुए हैं। विदेश के केंद्र में समणीवृंद की व्यवस्था एवं अन्य संघीय गतिविधियों में आपका महत्त्वपूर्ण सहयोग प्राप्त रहता है। साहित्य सदनम् के लोकार्पण के अवसर पर आचार्यप्रवर ने फरमाया कि साहित्य का प्रकाशन जैन विश्‍व भारती की एक अति महत्त्वपूर्ण गतिविधि है एवं बड़ा उपक्रम है। आचार्यश्री ने अधिकाधिक स्वाध्याय की भी प्रेरणा करवाई। जैन विश्‍व भारती के अध्यक्ष मनोज कुमार लुनिया ने साहित्य भवन के निर्माण संबंधी जानकारी पूज्यप्रवर को निवेदित की। जैन विश्‍व भारती के मुख्य न्यासी अमरचंद लुंकड़, मंत्री प्रमोद बैद साहित्य विभागाध्यक्ष पुखराज बड़ोला एवं सह-संयोजक विजयराज आंचलिया भी उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि आई0ए0एस डॉ0 जितेंद्र सोनी द्वारा भी साहित्य सदनम् का अवलोकन किया गया।