जेहिं काले परक्कंतं, ण पच्छा परितप्पए। जो ठीक समय पर पराक्रम करते हैं वे बाद में परिताप नहीं करते। - आचार्य श्री भिक्षु
जेहिं काले परक्कंतं, ण पच्छा परितप्पए। जो ठीक समय पर पराक्रम करते हैं वे बाद में परिताप नहीं करते।