प्रभु पार्श्‍व जन्म कल्याणक महोत्सव के विविध आयोजन

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प्रभु पार्श्‍व जन्म कल्याणक महोत्सव के विविध आयोजन

साध्वी डॉ0 परमयशा जी के सान्‍निध्य में 23वें तीर्थंकर प्रभु पार्श्‍वनाथ भगवान का जन्म कल्याणक दिवस मनाया गया। नमस्कार महामंत्र एवं भगवान पार्श्‍वनाथ की स्तुति के साथ शुरू हुए कार्यक्रम में साध्वीश्री जी ने कहा कि भगवान पार्श्‍वनाथ का स्मरण हमारे जीवन को आनंदमय कर देता है। उपसर्गहर स्तोत्र का जप जीवन के समस्त दु:खों को, विघ्न-बाधाओं को दूर कर देता है। प्रभु पार्श्‍व के मंत्र, स्तोत्र, स्तुति हमारे जीवन में दुर्भाग्य को दूर कर सौभाग्य को बढ़ाते हैं। सुख-शांति का वरदान दिलाते हैं। कार्यक्रम में महाप्रभावक उवसर्गहर स्तोत्र महा जप अनुष्ठान और पार्श्‍वनाथ स्तुति का समायोजन हुआ। साध्वीवृंद ने सामुहिक रूप से गीतिका का संगान किया।
तेरापंथ भवन में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम में दूसरे दिन साध्वीश्री जी ने कहा कि भगवान के जन्म दिवस पर नो केक, नो कैंडल, नो बैलून। केक, कैंडल, बैलून हमारी संस्कृति नहीं है। हम भगवान का अभिनंदन संकल्पों के साथ करें। त्याग-प्रत्याख्यान के साथ भगवान का जन्म कल्याणक दिवस मनाएँ। कार्यक्रम में डॉ0 साध्वी परमयशा जी, साध्वी धर्मयशा जी, साध्वी विनम्रयशा जी, साध्वी मुक्‍ताप्रभा जी एवं साध्वी कुमुदप्रभा जी ने गीत, कविता एवं वक्‍तव्य के माध्यम से भगवान पार्श्‍व जिनेश्‍वर के प्रति अपनी भावनाओं की अभिव्यक्‍ति दी। कार्यक्रम में रीना बैद, चमेली कुंडलिया ने अपनी मधुर स्वर लहरियों के साथ कार्यक्रम को आनंदमय बना दिया। कई श्रावक-श्राविकाओं ने उपवास, एकासन किए।