जीवन की सकल संपदा है संस्कार

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जीवन की सकल संपदा है संस्कार

उमरगाँव, महाराष्ट्र
शासनश्री साध्वी जिनरेखा जी ने हैदराबाद से मुंबई की ओर पदयात्रा करते हुए उमरगाँव में प्रवास किया। बहुजन हितार्थ ट्रस्ट पुणे द्वारा संचालित बहुजन हितार्थ विद्यार्थी वसतिगृह उमरगाँव में अनाथालय के बच्चों को संबोधित करते हुए साध्वीश्री जी ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में विनय का भाव होना चाहिए। जीवन में क्रोध, आलस्य, प्रमाद, व्यसन, जुआ, चोरी आदि से बचना चाहिए। अच्छा विद्यार्थी बनने के लिए संकल्प, कार्यबल हमारा मजबूत होना चाहिए। इस कार्यक्रम में अनाथालय के 50 बच्चे उपस्थित थे। प्राध्यापक प्रज्ञजीत, आर्यघोष, शंकयदीप, चित्रकला भोसले ने साध्वीश्री जी के प्रति आभार ज्ञापित किया। साध्वी मार्दवयशा जी ने बच्चों को नमस्कार महामंत्र और महाप्राण ध्वनि आदि यौगिक मुद्राएँ सिखाई। लगभग 10 बच्चों ने व्यसनमुक्‍त बनने का संकल्प किया। हैदराबाद के उम्मेद घीया और बलबीर इस अवसर पर उपस्थित थे।