रूपांतरण कार्यशाला

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रूपांतरण कार्यशाला

विजयनगर
कषाय विषय पर कार्यशाला का आयोजन तेरापंथ महिला मंडल द्वारा स्थानीय तेरापंथ भवन में साध्वी प्रमिला कुमारी जी के सान्‍निध्य में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी प्रमिला कुमारी जी द्वारा नमस्कार महामंत्र के साथ किया गया। मंजु लुनिया तथा सुनीता पींचा द्वारा भिक्षु अष्टकम का संगान किया गया। महिला मंडल की बहनों द्वारा मंगलाचरण प्रेरणा गीत के द्वारा किया गया। महिला मंडल की अध्यक्ष प्रेम भंसाली ने सभी बहनों का स्वागत करते हुए कषाय को सरल भाषा में परिभाषित करते हुए बताया कि किस प्रकार हम अनेकांत को व्यावहारिक रूप में अपनाकर एवं कषाय का अल्पीकरण कर सुखी परिवार, सुखी समाज, सुखी राष्ट्र एवं सुखी विश्‍व की कल्पना को साकार कर सकते हैं। प्रशिक्षिका रक्षा मांडोत ने कषाय विषय पर कहानी के माध्यम से छोटे-छोटे संकल्पों तथा उदाहरण के द्वारा समझाया। साध्वी प्रमिला कुमारी जी ने कहा कि 25 बोल में 1 बोल है आत्मा 8, इसमें कषाय आत्मा भी है। शक्‍ति व क्रोध दोनों की दो दिशाएँ हैं, जहाँ आवेश वहाँ शक्‍ति क्षीण हो जाती है, शक्‍ति संपन्‍न बनने के लिए आवेश व आवेग पर कंट्रोल रखना जरूरी है। सहमंत्री सुनीता भटेवरा ने प्रशिक्षिका रक्षा मांडोत का परिचय दिया। प्रेक्षाध्यान प्रशिक्षिका रेखा पितलिया के द्वारा क्रोध व कषाय नियंत्रण के लिए अनुप्रेक्षा करवाई गई। आभार ज्ञापन मंत्री सुमित्रा बरड़िया ने किया। कार्यक्रम का संचालन सहमंत्री अंजु सेठिया ने किया। कार्यक्रम में कर्नाटक प्रभारी मधु कटारिया ने तेरापंथ महिला मंडल, विजयनगर की जागरूकता के लिए अपनी मंगलभावना व्यक्‍त की। महिला मंडल के सभी पदाधिकारी, कार्यकारिणी बहनें तथा सदस्य बहनें लगभग 75 की संख्या में उपस्थित रहीं। कार्यशाला की प्रायोजक संतोष पारख रहीं।