अवबोध

स्वाध्याय

अवबोध

मंत्री मुनि सुमेरमल ‘लाडनूं’

(3) चारित्र मार्ग

प्रश्‍न-18 : एक भव में चारित्र की सम्यग् आराधना करने वाले जीव आगे कितने भवों में चारित्र को प्राप्त कर सकते हैं?
उत्तर : सामायिक व छेदोपस्थापनीय चारित्र वाले जघन्य एक भव, उत्कृष्ट आठ भव में इस चारित्र को प्राप्त कर सकते हैं। शेष तीन चारित्र वाले जघन्य एक, उत्कृष्ट तीन भव में इस चारित्र को प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्‍न-19 : एक भव की द‍ृष्टि से जीव कितनी बार चारित्र को प्राप्त कर सकता है?
उत्तर : एक भव की द‍ृष्टि से सभी चारित्र जघन्य एक बार, उत्कृष्ट सामायिक 900, छेदोपस्थापनीय 120, परिहार विशुद्धि 3, सूक्ष्म संपराय 4 व यथाख्यात 2 बार प्राप्त कर सकता है। (क्रमश:)