मनुष्य को अपने कर्तव्य और अकर्तव्य का बोध होना आवश्यक : आचार्यश्री महाश्रमण

गुरुवाणी/ केन्द्र

मनुष्य को अपने कर्तव्य और अकर्तव्य का बोध होना आवश्यक : आचार्यश्री महाश्रमण

कोथून, 21 दिसंबर, 2021
अपने चरण कमल से राजस्थान की धरा को पावन बना रहे आचार्यश्री महाश्रमण जी 13 किमी का मंगल विहार कर जयपुर जिले की सीमा में पदार्पण किया। जयपुर जिले के कोथून गाँव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में आचार्यश्री महाश्रमण जी ने मंगल प्रेरणा प्रदान करते हुए फरमाया कि हम जीवन जी रहे हैं, अन्य प्राणी भी जीवन जीते हैं। कीड़े-मकौड़े भी जीवन जीते हैं, परंतु आदमी का जीवन महत्त्वपूर्ण जीवन प्रतीत हो रहा है।
आदमी जीवन कैसे जीता है, यह एक महत्त्वपूर्ण बात हो जाती है। आदमी का कर्तव्य-अकर्तव्य क्या है? हमारे जीवन में कर्तव्य का बोध और कर्तव्य का पालन यह एक विशेष बात होती है। जो अपने कर्तव्य को नहीं जानता वह चिंतनीय बात हो सकती है। जो मनुष्य अपने कर्तव्य-अकर्तव्य को नहीं जानते हैं, उन्हें इतने कष्ट आते हैं कि जिसकी उन्होंने कल्पना भी न की हो। चोरी करना पाप है। अभाव या लोभ के कारण व्यक्‍ति चोरी-हिंसा व नशे में जा सकता है। अपने किए हुए कर्मों का फल भी भोगना पड़ता है। आदमी ये सोचे कि मैं दूसरों की चीजों की चोरी क्यों करूँ। ये मेरा कर्तव्य नहीं है, मैं इससे बचूँ, ऐसा भाव हो। माता-पिता का संतान के प्रति कर्तव्य हो सकता है। नागरिक का नागरिक के प्रति कर्तव्य होता है। हम कर्तव्य को समझें। राजतंत्र हो या लोकतंत्र अनुशासन में तो रहना होगा। कहा गया हैॅपजीवनज कनजल ंदक क्पेबपचसपदम ज्ीम कनजल वि क्मउवबतंबल ेींसस इम क्नउमकण् क्मंजी - क्मेजतनबजपवदण् लोकतंत्र में धर्म-निरपेक्षता होती है। जीवन में संयम और ज्ञान भी चाहिए वरना आदमी गलत रास्ते पर जा सकता है। विद्यार्थियों में अच्छे संस्कार भी ज्ञान के साथ दिए जाते रहें। गोपाल कृष्ण गोखले के विद्यार्थी जीवन की घटना से समझाया। विरोध जताने के लिए राष्ट्र की संपत्ति का नुकसान न करें। निर-अपराध प्राणी की हत्या न हो। गाँवों के लोग नशामुक्‍त रहें। आदमी कर्तव्य का ध्यान रखें तो जीवन अच्छा रह सकता है। हमारी आत्मा अच्छी रह सकती है। आगे भी कुछ अच्छा होने की संभावना हो सकती है। खुद के मन और जबान पर ब्रेक हो। बिना ब्रेक के गाड़ी का एक्सीडेंट हो सकता है। हम सबका जीवन अच्छा रहे, यह काम्य है। पूज्यप्रवर ने अहिंसा यात्रा के उद्देश्यों को विस्तार से समझाया एवं स्थानीय लोगों को अहिंसा यात्रा के तीनों संकल्प स्वीकार करवाए। पूज्यप्रवर के स्वागत में विद्यालय के प्रधानाचार्य शंकरलाल गुर्जर, अध्यापक रामप्रसाद चौधरी, रामेश्‍वर चौधरी, सरपंच प्रतिनिधि बद्रीप्रसाद चौधरी (प्रधान चाक्यू पंचायत) ने अपनी भावना अभिव्यक्‍त की। कार्यक्रम का संचालन करते हुए मुनि दिनेश कुमार जी ने बताया कि हम समय का अच्छा उपयोग करें।