आचार्यश्री महाश्रमण जी के जन्मोत्सव, दीक्षा दिवस एवं पदाभिषेक के विविध कार्यक्रम

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आचार्यश्री महाश्रमण जी के जन्मोत्सव, दीक्षा दिवस एवं पदाभिषेक के विविध कार्यक्रम

सिकंदराबाद

आचार्यश्री महाश्रमण जी का पट्टोत्सव कार्यक्रम साध्वी निर्वाणश्री जी एवं शासनश्री जिनरेखा जी के संयुक्‍त सान्‍निध्य में हुआ। शासनश्री साध्वी जिनरेखा जी ने कहा कि आज का दिन हमारे धर्मसंघ का विशिष्ट दिन है। आचार्यश्री महाश्रमण जी अध्यात्म के शिखर पुरुष हैं। वे संसार रूपी दावानल को बुझाने के लिए तीर्थंकर महावीर की भांति जिन तुल्य हैं।
साध्वी निर्वाणश्री जी ने आराध्य के प्रति आस्था का अर्घ्य समर्पित करते हुए कहा कि आज का दिन जिनशासन में विशेष है। आज ही के दिन भगवान महावीर ने निरावरण केवलज्ञान प्राप्त किया।
साध्वी डॉ0 योगक्षेमप्रभा जी ने अपने संयोजकीय वक्‍तव्य में कहा कि आचार्यश्री महाश्रमण जी का इंद्रिय-संयम अनुत्तर है। आपकी समता व धृतिबल भी अनुत्तर है। आपका पावन पदारोहण भगवान महावीर के कैवल्य कल्याणक के दिन हुआ।
साध्वी मधुरयशा जी एवं साध्वी लावण्यप्रभा जी ने वक्‍तव्य के माध्यम से आराध्य देव की अभ्यर्थना की। कार्यक्रम का शुभारंभ मंगलाचरण से आर्षवाणी में हुआ। नमस्कार महामंत्र के संगान के पश्‍चात साध्वी श्‍वेतप्रभा जी, साध्वी धवलप्रभा जी व साध्वी कुंदनयशा जी ने आगम वाणी में आचार्य अभिवंदना की।
तेरापंथ सभा, सिकंदराबाद के मंत्री सुशील संचेती ने हृदय के भावों की अभिव्यक्‍ति दी। साध्वीवृंद ने समवेत स्वर में गीत की भावपूर्ण प्रस्तुति दी। मंच संचालन साध्वी डॉ. योगक्षेमप्रभा जी ने किया। कार्यक्रम की सफलता में अरिहंत गुजरानी व खुशाल भंसाली ने अपनी भूमिका निभाई। डी.वी. कॉलोनी, तेरापंथ भवन से इस कार्यक्रम का प्रसारण तेरापंथ सभा, सिकंदराबाद की आयोजना में हुआ।

ईरोड
मुनि अर्हत कुमार जी आदि के सान्‍निध्य में आचार्य महाश्रमण जन्मोत्सव, पट्टोत्सव, दीक्षा दिवस का आयोजन स्थानीय स्तर पर हुआ। मुनि अर्हत कुमार जी ने नमस्कार महामंत्र के उच्चारण के साथ कहा कि जब-जब कोई महापुरुष का इस धरा पर अवतरण होता है, कुछ नया करने के लिए होता है। महापुरुष आदमी जन्म से नहीं कर्म-पुरुषार्थ से बनता है।
आपका दायित्व बोध बड़ा तेज है। संकल्प-बल तेज है। कष्ट-सहिष्णुता है। आप धुन के धनी हैं। ऐसे महापुरुष-युगनायक सौभाग्य से मिलते हैं। आपमें ॠजुता है, मृदुता है। आपश्री के किन-किन गुणों का व्याख्यान करें। ऐसे महान गुरु हमें मिले हैं।
इस अवसर पर हम भी संकल्प लें कि हमारे से संघ की लघुता लगे ऐसा काम न हो जाए। गुरुद‍ृष्टि ही हमारी सृष्टि है। ऐसे महान गुरु की छत्र-छाया में निरंतर आगे बढ़ते हुए हम लक्षित मंजिल प्राप्त करें।
मुनि भरत कुमार जी ने बताया कि आचार्यश्री महाश्रमण जी तेरापंथ धर्मसंघ के प्रथम आचार्य हैं, जिनका जन्मोत्सव, पट्टोत्सव एवं दीक्षा दिवस वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष में आते हैं और ये तीनों अवसर भी सरदारशहर की धरा को ही मिले हैं। मुनि जयदीप कुमार जी ने गीत का सुमधुर संगान किया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में कन्या मंडल ने महाश्रमण अष्टकम का संगान किया। उपासक हनुमानमल दुगड़, उपासक प्रकाशचंद पारख, उपासक रमेश कुमार पटावरी ने पूज्यप्रवर की अभिवंदना में अपने भावों की अभिव्यक्‍ति दी। वीणा भूतोड़िया ने सुमधुर गीत का संगान किया। कार्यक्रम का संचालन अमित बैद ने किया।

जयपुर

आचार्यश्री महाश्रमण जी का 48वाँ दीक्षा दिवस हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी अभातेयुप के निर्देशन में युवा दिवस के रूप में मनाया गया। तेयुप के आह्वान पर पूज्यप्रवर के 48वें दीक्षा दिवस पर 48 संकल्पों में से हजारों संकल्प स्वीकार कर तेयुप, जयपुर के शाखा प्रभारी अभिनंदन नाहटा (अभातेयुप), तेयुप, जयपुर के पदाधिकारीगण, कार्यसमिति सदस्य, किशोर मंडल व सदस्यों सहित सैकड़ों की संख्या में श्रावक समाज ने पूज्यप्रवर के श्रीचरणों में संकल्पों के द्वारा श्रद्धा भक्‍ति चिरायु की। कार्यक्रम की संयोजना में संयोजक गौतम बरड़िया का श्रम उल्लेखनीय रहा।

उधना

अभातेयुप के तत्त्वावधान में तेयुप द्वारा युवा दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अभातेयुप द्वारा निर्देशित संकल्पों का कल्पवृक्ष के रूप में त्याग और संकल्प निर्दिष्ट किए गए, जिसके अंतर्गत तेयुप, उधना द्वारा आचार्यप्रवर का जन्मोत्सव हर्षोल्लास एवं आध्यात्मिकता पूर्वक मनाया गया। परिषद अध्यक्ष अरुण चंडालिया ने बताया कि युवा शक्‍ति ने इस अवसर पर सैकड़ों त्याग और संकल्प के प्रत्याख्यान किए। युवा दिवस के उपलक्ष्य में त्याग और संकल्प के आह्वान के साथ ही संपूर्ण धर्मसंघ में अपने आराध्य को त्यागमय भेंट देने की होड़ लग गई, जिसमें एक त्याग से लेकर 48 त्याग तक के संकल्प लिए गए। परिषद के सदस्यों एवं संपूर्ण समाज ने 150 से अधिक संकल्प किए।
आचार्यश्री के इंगितानुसार चलने वाली युवा शक्‍ति संपूर्ण देश भर में धार्मिक एवं सामाजिक क्षेत्र में कार्य कर रही है। अभातेयुप के सदस्य कोरोना की विषम परिस्थिति में देशभर में अब तक 40,000 से अधिक यूनिट रक्‍त एवं 2,000 से अधिक यूनिट प्लाज्मा जरूरतमंदों को दान कर चुके हैं। रक्‍तदान के क्षेत्र में अभातेयुप के नाम सर्वाधिक रक्‍तदान के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड सहित अनेकों कीर्तिमान दर्ज हैं।
इसके अतिरिक्‍त संपूर्ण भारत वर्ष में 60 आचार्य तुलसी डायग्नोस्टिक सेंटर के माध्यम से उचित मूल्य पर अपनी सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं। आपदा के समय तत्काल सहायता पहुँचाने के लिए तेरापंथ टास्क फोर्स सदैव तत्पर रहती है, वहीं नेत्रदान की टीम किसी के निधन होने पर त्वरित नेत्रदान करवाकर लोगों के जीवन में रोशनी भरने का काम कर रही है। जैसे अनेक उपक्रमों के माध्यम से समाज, राष्ट्र के विकास में अपना अभूतपूर्व योगदान कर रही है।

पूर्वांचल-कोलकाता

आचार्यश्री महाश्रमण जी के 48वें दीक्षा दिवस (युवा दिवस) के अवसर पर अभातेयुप की प्रेरणा से तेयुप ने आचार्यप्रवर को एक आध्यात्मिक भेंट प्रस्तुत करने का प्रण किया। 48 वर्ष 48 संकल्प। संकल्पों की आध्यात्मिक भेंट में परिषद सदस्यों, सभा एवं महिला मंडल सहित सकल श्रावक समाज ने उत्सुकता से अपना योगदान दिया। 200 से अधिक श्रावकों ने 3000 से अधिक संकल्प धारण कर गुरुवर को अनुपम भेंट प्रदान की। सभी श्रावकगण को साधुवाद। संकल्पों के संकलन में परिषद अध्यक्ष आलोक बरमेचा व संगठन मंत्री विकास सिंघी का अथक परिश्रम रहा।

साउथ कोलकाता

आचार्यश्री महाश्रमण जी का 48वाँ दीक्षा दिवस युवा दिवस के रूप में मनाया गया। अभातेयुप के निर्देशन में तेयुप द्वारा समग्र साउथ कोलकाता परिवार के माध्यम से पूज्यप्रवर के 48वें दीक्षा दिवस पर सभी 48 संकल्पों को परिपूर्ण करते हुए कम-से-कम एक संकल्प स्वीकार कर पूज्यप्रवर के श्रीचरणों में अपने संकल्प रूपी पुष्प अर्पित कर अपने मन के भाव समर्पित किए।
साउथ कोलकाता परिवार से कुल 64 श्रावक-श्राविकाओं ने 733 संकल्प लिए। इस क्रम में जुड़ने हेतु परिषद सकल साउथ कोलकाता परिवार का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम के मुख्य संयोजक प्रवीण सिरोहिया, आदित्य पारख एवं मोहित दुगड़ थे। इन संकल्पों के कल्पवृक्ष में कल्याण मित्र बिशन दयाल गोयल परिवार की तरफ से कैलाशचंद गोयल ने सबसे पहले अपनी सहभागिता दर्ज करवाकर परिषद में एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। तेयुप, साउथ कोलकाता गोयल परिवार द्वारा किए गए कार्य के लिए साधुवाद।

टी-दासरहल्ली

आचार्यश्री महाश्रमण जी का 48वाँ दीक्षा दिवस युवा दिवस के रूप में आध्यात्मिक उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर अभातेयुप द्वारा आचार्यश्री महाश्रमण जी को आध्यात्मिक संकल्पों की भेंट अर्पित करने की सुंदर कल्पना ‘संकल्पों का कल्पवृक्ष’ नाम से समग्र परिषदों के समक्ष रखी गई।
इसी कड़ी में तेयुप के अध्यक्ष मुकेश चावत ने बताया कि परिषद के आह्वान पर स्थानीय श्रावक समाज ने बड़ी श्रद्धा के साथ अपने आराध्य के श्रीचरणों में आध्यात्मिक संकल्प उपहृत किए। अपने गुरु के प्रति सर्वात्मना समर्पित श्रावक समाज से कुल 108 सदस्यों ने कुल 702 एक दिवसीय संकल्प एवं कुछ सदस्यों ने एक वर्ष के लिए संकल्प ग्रहण कर अपनी श्रद्धा भावना अभिव्यक्‍त की।
अभातेयुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप कोठारी एवं उनके नेतृत्व द्वारा इन ‘संकल्पों का कल्पवृक्ष’ अभियान प्रस्तुत करने के लिए हार्दिक आभार एवं परिषद सहमंत्री अशोक बोहरा ने संयोजक का दायित्व संपादित किया।
अभातेयुप सदस्य एवं निवर्तमान अध्यक्ष राकेश दक के श्रम का सहयोग रहा एवं संपूर्ण दासरहल्ली श्रावक समाज का सहयोग प्राप्त हुआ।