विराट युवा सम्मेलन ‘अभ्युदय’ का आयोजन

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विराट युवा सम्मेलन ‘अभ्युदय’ का आयोजन

केसिंगा
अभातेयुप के तत्त्वावधान में ओडिशा, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ स्तरीय विराट् युवा सम्मेलन ‘अभ्युदय’ मुनि जिनेश कुमार जी के सान्‍निध्य में तेयुप, केसिंगा द्वारा आयोजित किया गया। अभातेयुप राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज डागा ने विराट युवा सम्मेलन ‘अभ्युदय’ के उद्घाटन की घोषणा करते हुए श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन करवाया। इस अवसर पर युवाओं को ‘कार्यकर्ता की अर्हताएँ’ विषय पर संबोधित करते हुए मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि युवा समाज की तकदीर व तस्वीर है। युवा समाज का यथार्थ बिंब है। युवा शक्‍ति व ऊर्जा का पुंज है। युवा उत्साह का पर्याय है। युवा राष्ट्र की अमर संपदा है। युवा क्रांति का संवाहक है। युवा वायु की तरह गतिशील होता है। उन्होंने आगे कहायुवा कार्यकर्ता की अर्हता् के प्रमुख सूत्र हैंसंयम, साहस, सेवा, समता, सादगी, सदाचार व श्रम। यह सात सकार जिस युवा में होते हैं वह श्रेष्ठ कार्यकर्ता बन जाता है। कार्यकर्ता श्रावक कार्यकर्ता बनें यह अपेक्षा है। युवा व्यसनमुक्‍त रहे। युवा निस्वार्थ भाव से समय प्रबंधन के साथ संघ की सेवा करें। अपनी आस्था व शक्‍ति को विभाजित होने से बचाएँ। युवा देव, गुरु, धर्म के प्रति निष्ठाशील बना रहे। अनेक गुणों के विकास से ही युवाओं का अभ्युदय संभव है। कार्यकर्ता वही सफल होता है जो नाम व पद की दौड़ से बाहर रहकर निस्वार्थ भाव से कार्य करता रहता है। ध्वजारोहण से कार्यक्रम का शुभारंभ होने के पश्‍चात तेरापंथ कन्या मंडल ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। विजयगीत का संगान तेयुप सदस्यों द्वारा किया गया। अभातेयुप राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज डागा ने अपने वक्‍तव्य में ‘कैसे हो युवाओं का अभ्युदय’ विषय पर युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक हम नई नीति की ओर नहीं बढ़ेंगे तब तक अभ्युदय नहीं हो सकता। उन्होंने पाँच सूत्र के साथ जीवन में अभ्युदय की प्रेरणा देते हुए कहाअभ्युदय के लिए एक नीति, अच्छी संगति, निरंतर प्रगति, उचित अवगति और श्रेष्ठ प्रस्तुति होनी चाहिए। अभातेयुप सहमंत्री प्रथम अनंत बागरेचा ने युवाशक्‍ति को आह्वान किया कि आगे चारित्रात्माओं के विहार में सेवा-उपासना के साथ विशेष रूप से जुड़ना है। मुख्य वक्‍ता पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल कटारिया ने युवाओं को अपने अंदाज में ‘हमारा संगठन हमारी शक्‍ति’ विषय पर प्रशिक्षण प्रदान किया। उन्होंने संगठन से जुड़ने के फायदे व मायने बताए, उन्होंने कहा कि गुरु की द‍ृष्टि की आराधना कर युवा शक्‍ति अपने आपको संघ के कार्यों में अवश्य नियोजित करे और संगठन से जुड़ने का व अन्य साथियों को जोड़ने का प्रयास करें।
ओडिशा प्रांतीय जैन श्‍वेतांबर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष मुकेश जैन ने अपने विचार व्यक्‍त किए। केसिंगा शाखा प्रभारी गौतम जैन ने अपने विचार व्यक्‍त करते हुए कार्यक्रम की सफलता के लिए शुभकामना संप्रेषित की। बाल मुनि कुणाल कुमार जी ने ‘अभ्युदय’ गीत, एटीडीसी के सलाहकार निर्मल बैंगानी ने अतिथियों का परिचय, सभा उपाध्यक्ष नंदकिशोर जैन, उत्केला तेयुप मंत्री सौरभ जैन ने गीत, बलांगीर तेयुप सदस्य अमित जैन ने गीत, केसिंगा पूर्व अध्यक्ष अनूप जैन, तेयुप रायपुर से मनीष जैन ने अपनी भावाभिव्यकित दी। सम्मेलन में अभातेयुप क्षेत्रीय सहयोगी गौतम जैन, अभिषेक जैन, समिति सदस्य ॠषभ जैन सहित विशाखापट्टनम, रायपुर, जगदलपुर, कांटाबांजी, सिंधीकेला, टिटिलागढ़, केसिंगा, बंगोमुंडा, बेलपाड़ा, रायपुर-पटनागढ़, उत्केला, बलांगीर, कटक, भुवनेश्‍वर आदि क्षेत्रों की शाखा परिषदों के सदस्य अच्छी संख्या में उपस्थित थे। आभार ज्ञापन स्थानीय तेयुप मंत्री विकास जैन ने किया। दोनों सत्रों का संचालन मुनि परमानंद जी व जेटीएन प्रभारी अरुण जैन ने संयुक्‍त रूप से किया। मुनि जिनेश कुमारजी ने मंगलपाठ के साथ सम्मेलन के कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम को सफल बनाने में तेयुप कार्यकर्ताओं, स्थानीय सभा आदि का भी सहयोग प्राप्त हुआ।