आचार्य तुलसी ने मानव मन में नैतिकता की ज्योत जलाई

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आचार्य तुलसी ने मानव मन में नैतिकता की ज्योत जलाई

विल्लुपुरम
साध्वी उज्ज्वलप्रभा जी के सान्‍निध्य में गुरुदेव तुलसी का 108वाँ जन्मदिवस मनाया गया। नमस्कार महामंत्र से प्रारंभ कार्यक्रम में साध्वी उज्ज्वलप्रभा जी ने कहा कि अमृतपुरुष आचार्यश्री तुलसी ने मानव मन के गलियारे में स्थित अनैतिकता का तमस दूर कर नैतिकता की ज्योत जलाई। वे सांप्रदायिक मंच से असांप्रदायिक, सार्वजनिक, सार्वभौमिक अणुव्रत की उद्घोषणा करने वाले प्रथम जैनाचार्य कहलाए। साध्वी अनुप्रेक्षाश्री जी ने कहा कि आचार्य तुलसी कुशल जीवन शिल्पकार थे। उन्होंने अपने शिष्यों को योग्य, योग्यता और योग्यतम बनाया। साध्वी प्रबोधयशा जी ने अपने उद्गार व्यक्‍त किए। इस कार्यक्रम को तपस्या की भेंट दी समता सुराणा ने। चेन्‍नई से समागत महिला मंडल की अध्यक्षा पुष्पा हिरण एवं मंत्री रीमा सिंघवी अपनी कार्यकारिणी सदस्यों की टीम के साथ साध्वीश्री जी के सान्‍निध्य में एक गीतिका एवं अपने भाव व्यक्‍त किए। शुभारंभ कन्या मंडल की भव्या सेठिया द्वारा मंगलाचरण से हुआ। स्वागत भाषण राजेश सुराणा, तेयुप से विशाल सुराणा, महिला मंडल से अध्यक्षा राखी सुराणा एवं गीता बरड़िया ने वक्‍तव्य एवं गीतिका प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन महिला मंडल मंत्री स्नेहा भंडारी ने किया।