आचार्य तुलसी आलोकधर्मी महापुरुष थे

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आचार्य तुलसी आलोकधर्मी महापुरुष थे

साहुकारपेट, चेन्‍नई
तेरापंथ सभा भवन में साध्वी अणिमाश्री जी के सान्‍निध्य में गुरुदेवश्री तुलसी का जन्म दिवस मनाया गया। साध्वी अणिमाश्री जी ने कहा कि आचार्यश्री तुलसी आलोकधर्मी व्यक्‍तित्व के धनी थे। उन्होंने आलोक का जीवन जीया और दुनिया को आलोक दिया। आचार्य तुलसी का समग्र जीवन महकते गुलदस्ते की तरह है। उनके जीवन के हर कण की सौरभ अद्वितीय है, विलक्षण है। मानवता के मंगल कलश का हर चिंतन, निर्णय और क्रियान्विति के गठबंधन के साथ गतिशील रहता था। अक्षय ऊर्जा के ोत को जन्म-दिवस पर शत-शत नमन। साध्वी अणिमाश्री जी ने कहा कि आचार्य तुलसी ने तेरापंथ धर्मसंघ को अनगिनत अवदान दिए। ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जहाँ आचार्य तुलसी ने अपने अमिट हस्ताक्षर न किए हों। साध्वी डॉ0 सुधाप्रभा जी ने कहाआज हम संकल्प करें कि आचार्य तुलसी के सपने हमारे अपने सपने बनें। हम उन सपनों में नया रंग भरने का प्रयत्न करें। तुलसी के अवदान हमारे जीवन की मंजिल बनें। साध्वी समत्वयशा जी ने सुमधुर गीत का संगान किया। साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने मंच संचालन करते हुए कहा कि आचार्य तुलसी के जीवन में विरोधों के अंधड़ ही नहीं, तूफान आए। किंतु वे रुके नहीं, झुके नहीं बढ़ते रहे। यही उनकी सफलता का महामंत्र था। टीपीएफ अध्यक्ष राकेश खटेड़ ने विचार व्यक्‍त किए। महिला मंडल से राजश्री डागा ने विचार रखे। चेन्‍नई के साथ नागपुर, करनूल, जयपुर, अहमदाबाद, मुंबई, बालोतरा, पचपदरा के श्रावक-श्राविकाओं ने इस अवसर पर भाव अभिवंदना की।