ज्ञानशाला प्रशिक्षक सम्मान समारोह

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ज्ञानशाला प्रशिक्षक सम्मान समारोह

सिकंदराबाद
शासनश्री साध्वी जिनरेखा जी के सान्‍निध्य में डी0वी0 कॉलोनी तेरापंथ भवन में सभा द्वारा ज्ञानशाला प्रशिक्षिका सम्मान समारोह‘कर्तृत्व की सौरभ’ का आयोजन किया गया। तेरापंथ सभा के तत्त्वावधान में नगरत्रय में संचालित सभी 20 ज्ञानशालाओं में नि:स्वार्थ सेवाएँ प्रदान करने वाली 115 प्रशिक्षिकाओं को मोमेंटो द्वारा सम्मानित किया गया। साध्वीश्री के मुखारविंद से मंगल मंत्रोच्चार के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। शासनश्री साध्वी जिनरेखा जी ने अपने उद्गार व्यक्‍त किए। उन्होंने कहा कि देशभर में 500 से अधिक ज्ञानशाला व लगभग 3600 प्रशिक्षक अपने श्रम से हजारों-हजारों की संख्या में ज्ञानार्थियों को शिक्षण प्रशिक्षण देती हैं, खुद प्रशिक्षित होकर निस्वार्थ सेवाएँ दे रही हैं। टीपीएफ के राष्ट्रीय महामंत्री हिम्मत मांडोत की उपस्थिति रही।
हिमायतनगर ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं ने सुमधुर मंगलाचरण द्वारा प्रस्तुति दी। अणुव्रत समिति के अध्यक्ष प्रकाश भंडारी, तेयुप के मंत्री वीरेंद्र घोषल, तेममं की अध्यक्ष अनिता गीड़िया, ज्ञानशाला विभाग संयोजक सुनील बोहरा आदि सभी पदाधिकारियों ने ज्ञानशाला व प्रशिक्षिकाओं के प्रति मंगलकामना व्यक्‍त की। तेलंगाना की क्षेत्रीय संयोजक सीमा दस्साणी ने मुख्य अतिथि चारू शाह एवं उपस्थित सभी का स्वागत किया। सभा अध्यक्ष सुरेश सुराणा ने अपने अध्यक्षीय वक्‍तव्य में ज्ञानशालाओं की संख्या बढ़ाने की भावना प्रकट की। आंध्रा-तेलंगाना की आंचलिक संयोजक अंजू बैद ने उपस्थित सभी प्रशिक्षिकाओं की सेवाओं के प्रति आभार व्यक्‍त किया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि, एनजीओ ‘उड़ान’ की संस्थापक चारू शाह ने बताया कि स्वयं शिक्षक होने पर उन्हें गर्व है और प्रशिक्षिकाओं की नि:शुल्क सेवाओं पर उन्हें नाज है। साध्वीवृंद ने सुंदर गीतिका का संगान कर प्रशिक्षिकाओं का उत्साहवर्धन किया।
आज के डिजिटल युग में ज्ञानशाला की उपयोगिता पर प्रशिक्षिकाओं ने माइम एक्ट द्वारा मंचीय प्रस्तुति दी। इसमें डिंपल बैद, हेमा बांठिया, कविता आचछा, प्रिया दक, संतोष बोथरा, निशा दुगड़, गीतिका नाहटा व चेतना दक ने भाग लिया। सभा द्वारा आयोजित इस सम्मान समारोह में सभी ज्ञानशालाओं में सेवारत सभी प्रशिक्षिकाओं को स्मृति-चि प्रदान किया गया। मंच संचालन क्षेत्रीय सह-संयोजक डिंपल बैद व पुष्पा बरड़िया ने किया। सभा के लक्ष्मीपत बैद ने आभार ज्ञापन किया।