दो दिवसीय ज्ञानशाला शिविर का आयोजन

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दो दिवसीय ज्ञानशाला शिविर का आयोजन

गदग
शासनश्री साध्वी पद्मावती जी के सान्‍निध्य में द्विदिवसीय ज्ञानशाला शिविर का आयोजन किया गया। साध्वीश्री जी ने कहाफूल और बच्चे सृष्टि की सुंदरतम कृति हैं, बच्चों का सुधार भविष्य का सुधार है, शुभ भविष्य चाहते हैं तो ज्ञानशाला आवश्यक है। डॉ0 साध्वी गवेषणाजी ने कहा कि बच्चों के जीवन पर उपदेश का जितना प्रभाव नहीं पड़ता उतना आपके आचरण का
पड़ता है। साध्वी मयंकप्रभा जी ने कहा कि ध्वंस और निर्माण इन दो शब्दों से सभी परिचित हैं, ध्वंस सरल है निर्माण कठिन है। यदि बच्चों के जीवन का निर्माण करना है तो 5 गोल्डन वर्ड्स को याद रखेैं Sorry, Thank you, Excuse me, Please, Morning साध्वी मेरुप्रभा जी ने सुमधुर गीतिका की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की शुरुआत ज्ञानशाला के बच्चों द्वारा ‘अर्हम की वंदना फले’ स्वरों के साथ हुई। कार्यक्रम में स्वागत भाषण ज्ञानशाला की मुख्य प्रशिक्षिका शोभा संकलेचा ने दिया। सभा अध्यक्ष अमृतलाल कोठारी, उपासक विमला कोठारी ने विचारों की अभिव्यक्‍ति दी। मंच का संचालन सुरेश कोठारी ने किया। द्वि दिवसीय ज्ञानशाला शिविर के अंतर्गत ही संस्था शिरोमणि तेरापंथी महासभा के पदाधिकारियों का अपनी संगठन यात्रा के अंतर्गत गदग पधारना हुआ। संस्था के सहमंत्री प्रकाश लोढ़ा ने ज्ञानशाला पर प्रकाश डालते हुए गदग तेरापंथ सभा की गतिविधियों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में महासभा के अंतर्गत लगभग 550 ज्ञानशालाएँ संचालित हैं, उसमें लगभग 19000 ज्ञानार्थी हैं तथा उन्हें प्रशिक्षित करने हेतु लगभग 4600 प्रशिक्षिकाएँ अपनी सेवाएँ धर्मसंघ को दे रही हैं। तेजराज चोपड़ा ने अपने विचार व्यक्‍त किए।
कमला छाजेड़ ने कहा कि ज्ञानशाला भावी तेरापंथ समाज की नींव है उस पर ध्यान देना समाज का दायित्व है। उत्तर कर्नाटक की ज्ञानशाला सहप्रभारी कमला पालगोता ने अपने भाव व्यक्‍त किए। इस कार्यक्रम में कर्नाटक अंगूर रस एवं अंगूर बोर्ड के अध्यक्ष कांतिलाल भंसाली भी उपस्थित रहे। ज्ञानशाला संपन्‍न समारोह में सभी बच्चों को तेरापंथ सभा द्वारा पुरस्कृत किया गया और दो दिवसीय शिविर में कन्या मंडल की सदस्य तृप्ति कोठारी एवं मुस्कान संकलेचा ने अपनी सहभागिता दर्ज करवाई। उन्होंने बच्चों को गेम खिलाए एवं मनोरंजन करवाया और जो बच्चे गेम में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर आए उनको पुरस्कृत किया गया। सभी बच्चों को सांत्वना पुरस्कार भी दिया गया। कार्यक्रम का संयोजन प्रशिक्षिका सारिका संकलेचा ने किया।