श्रावक जिनशासन के अभिन्‍न अंग

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श्रावक जिनशासन के अभिन्‍न अंग

गुढ़ियारी, रायपुर
रायपुर के गुढ़ियारी स्थित मारुति मंगलम् भवन में छत्तीसगढ़ स्तरीय श्रावक सम्मेलन का विराट आयोजन मुनि दीप कुमार जी के सान्‍निध्य में तेरापंथी सभा द्वारा किया गया। मुनि दीप कुमार जी ने कहा कि जिनशासन में श्रावक अभिन्‍न अंग माने गए हैं। श्रावकों को साधु-साध्वियों के माता-पिता की उपमा दी गई है। किसी भी संगठन में विकास तभी होता है जब सब दायित्वबोध अनुभव करें। श्रावक कार्यकर्ता तैयार होने जरूरी हैं। इसके लिए प्रशिक्षण जरूरी है। प्रमोद भावना का विकास समाज में होना चाहिए। मुनिश्री ने स्वरचित गीत का संगान करते हुए छत्तीसगढ़ के श्रावकों की श्रद्धा भावना का उल्लेख किया। बालमुनि काव्यकुमार जी ने कहा कि श्रावक श्रद्धालु और विश्‍वासी होता हैं बालमुनि ने अंग्रेजी में वक्‍तव्य दिया। तेरापंथी महासभा उपाध्यक्ष अशोक तातेड़, तेरापंथी सभा, रायपुर अध्यक्ष सुरेंद्र चोरड़िया, दानमल पोरवाल, पद्मश्री सुरेंद्र दुबे आदि ने विचार रखे। तेममं ने मंगलाचरण किया। कन्या मंडल ने स्वागत गीत की प्रस्तुति दी। ज्ञानशाला के बच्चों ने श्रावक शब्दचित्र की प्रस्तुति दी। संचालन नेहा जैन और ॠतु चोरड़िया ने किया।
दूसरा सत्र‘मेरा तेरापंथ महान क्यों?’ विषय पर चेन्‍नई से समागत राकेश खटेड़ ने अभिभाषण दिया। सत्र का संचालन कौशल गांधी ने किया। तीसरे सत्र में चर्चा-परिचर्चा का कार्यक्रम रहा। जिसमें खुलकर अनेक विषयों पर चर्चा हुई। जिसमें मुख्य रूप से जगदलपुर, दुर्ग, राजनांदगाँव, सरायपाली, भिलाई, कोरबा आदि क्षेत्रों से आए हुए प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे। इस सत्र का संचालन रितु चोरड़िया ने किया।