सफलता के सूत्र कार्यशाला का आयोजन

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सफलता के सूत्र कार्यशाला का आयोजन

हैदराबाद
टीपीएफ द्वारा साध्वी मधुस्मिता जी के सान्‍निध्य में ‘सफलता के सूत्र’ विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में विचारों की अभिव्यक्‍ति देते हुए साध्वी मधुस्मिता जी ने कहा कि चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या व्यवसाय का अथवा राजनीति का क्षेत्र हो, सफलता प्रत्येक क्षेत्र में वांछनीय होती है। उन्होंने कहा कि सफलता का प्रथम सूत्र है घनीभूत इच्छा, मजबूत संकल्प शक्‍ति, कष्ट सहिष्णुता, इंद्रिय संयम व मन की चंचलता पर अंकुश रखकर व्यक्‍ति साफल्यश्री का वरण करता है। सफलता का दूसरा सूत्र हैसमर्पण। जिसके प्रति समर्पण किया जाए उसके प्रति तन, मन और प्राण से पूर्ण समर्पण करने की कोशिश करनी चाहिए। प्रतिकूल परिस्थिति आने पर जो काँच के बर्तन की तरह टूट जाए, वह सच्चा समर्पण नहीं हो सकता। सफलता का तीसरा सूत्र हैसापेक्ष सोच। ऐसी सोच रखने वाला दूसरों की प्रकृति को सहन करने में माहिर बन जाता है। उसके घर में स्वर्ग उतर आता है। चौथे सूत्र की चर्चा करते हुए साध्वीश्री जी ने मधुर भाषा को वशीकरण मंत्र से उपमित किया। प्रमोद भावना से परिपूरित भाषा का प्रयोग असंभव को भी संभव कर दिखला देता है। सफलता के पाँचवें सूत्र से प्रकाश प्राप्त करने के लिए पुरुषार्थ की लो को प्रदीप्त करना होगा। फूल पाने के इच्छुक अगर शूल को देखकर घबरा जाए तो फूल को प्राप्त नहीं कर पाएगा। साध्वीश्री जी ने कई उदाहरणों के द्वारा सबको सरल भाषा में सफलता के सूत्रों को समझाया। टीपीएफ अध्यक्ष मोहित बैद के कार्यकाल में किए गए कार्यों की सराहना करते हुए पुन: मनोनीत होने पर मंगलभावना प्रकट की। कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण गीत की मधुर स्वर लहरियों के साथ टीपीएफ सदस्यों द्वारा की गई। मंगलाचरण से पूर्व महामंत्र नवकार का सस्वर पाठ किया। टीपीएफ हैदराबाद के अध्यक्ष मोहित बैद ने स्वागत वक्‍तव्य दिया। उन्होंने साध्वीश्री जी के प्रति अहोभाव प्रकट करते हुए कार्यशाला के उद्देश्यों की चर्चा की। टीपीएफ राष्ट्रीय आर्गेनाइजेशन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट चेयरमैन नवीन सुराणा ने कार्यशाला विषय पर अपनी भावनाएँ प्रकट की। टीपीएफ राष्ट्रीय नॉलेज बैंक प्रोजेक्ट चेयरमैन दीपक संचेती ने राष्ट्रीय प्रोजेक्ट परामर्श सुविधा आयाम की विस्तृत जानकारी दी। तेरापंथी सभा, सिकंदराबाद व बोवेनपल्ली चातुर्मास संयोजक सतीश दुगड़ ने सभी संस्थाओं की ओर से टीपीएफ को शुभकामनाएँ प्रेषित की। कार्यशाला अत्यंत उल्लासमय वातावरण में चली। कार्यशाला का संचालन चेतना बोथरा तथा आभार ज्ञापन पुनीत दुगड़ ने किया। कार्यक्रम में टीपीएफ सदस्य व स्थानीय श्रावकों की अच्छी संख्या में उपस्थिति रही।