मासखमण तप अभिनंदन

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मासखमण तप अभिनंदन

गांधीनगर
तेरापंथ भवन में साध्वी लावण्यश्री जी के सान्‍निध्य में मासखमण तप का प्रत्याख्यान प्रभा सेठिया ने किया। साध्वी लावण्यश्री जी ने कहा कि भगवान महावीर ने तप के आगे सम्यक् शब्द को जोड़ा, हमारा तप इहलोक के लिए नहीं, परलोक के लिए नहीं, यश कीर्ति, प्रशंसा, ख्याति, नाम के लिए नहीं परंतु तपस्या सिर्फ और सिर्फ कर्मों की निर्जरा के लिए, कर्मों का कल्मष धोने के लिए, चेतना को चिन्मय बनाने के लिए होनी चाहिए। इस अवसर पर साध्वी दर्शितप्रभा जी, साध्वी सिद्धांतश्री जी ने गीत की प्रस्तुति दी। महिला मंडल, ज्ञानशाला प्रशिक्षिका, गांधीनगर ज्ञानशाला, आदित्य, यश सेठिया, रुचिका सेठिया, अभिलाषा डांगी, हेमंत छाजेड़, जितेंद्र घोषल ने विचार व्यक्‍त किए। असाधारण साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभा जी के संदेश का वाचन एवं स्वागत भाषण अध्यक्ष सुरेश दक ने व अभिनंदन पत्र का वाचन सभा सहमंत्री राजेंद्र बैद ने किया। सभा द्वारा मासखमण तपस्विनी को अभिनंदन पत्र भेंट किया गया। ट्रस्ट उपाध्यक्ष माणक मूथा, सभा मंत्री नवनीत मूथा, सहमंत्री संपत चावत, कोषाध्यक्ष बाबूलाल बाफना, महिला मंडल मंत्री सरस्वती बाफना व अनेक गणमान्य इस अवसर पर उपस्थित रहे। तप का अनुमोदन तप के द्वारा इसमें 45 उपवास, 6 तेले, 21 एकासन की भेंट तपस्पिनी बहन प्रभा सेठिया को दी। कार्यक्रम का संचालन साध्वी दर्शितप्रभा जी ने किया।