चित्त समाधि कार्यशाला

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चित्त समाधि कार्यशाला

विजयनगर-बैंगलोर
तेरापंथ महिला मंडल के तत्त्वावधान में साध्वी प्रमिला कुमारी जी के सान्‍निध्य में वरिष्ठ श्रावक और श्राविका के लिए चित्त समाधि कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में वरिष्ठ बहनों द्वारा मंगलाचरण किया गया। तत्पश्‍चात साध्वी आस्थाश्री जी ने समाधि स्थित जीवन जीने के महत्त्वपूर्ण सूत्र बताते हुए ध्यान का प्रयोग करवाया। इस अवसर पर स्थानीय कन्या मंडल की कन्याओं ने एक स्क्रिप्ट के द्वारा प्रस्तुति दी। जिसके आधार पर साध्वीश्रीजी ने सभी वरिष्ठ श्रावक और श्राविकाओं के विचार जाने।
कार्यक्रम में डॉ0 स्नेहा मेहता भी उपस्थित थी, इनका परिचय सहमंत्री सुनीता भटेवरा ने दिया। डॉ0 स्नेहा ने बैलेंस डाइट की जानकारी दी। जिससे वृद्धावस्था में भी स्वस्थ और सुखी रहा जा सकता है। साध्वी प्रमिला कुमारी जी ने कहा कि वृद्धावस्था आने का द्वार हैइंद्रियाँ। अगर पाँचों इंद्रियाँ अनुशासित रहती हैं, संयम का ब्रेक हाथ में लेकर ही इंद्रियों का उपयोग होता है, तो वृद्धावस्था आती ही नहीं। साध्वीश्री जी ने कहा कि जेनरेशन गैप तो हमेशा रहता आया है और आगे भी रहेगा, किंतु मन की प्रसन्‍नता चित्त समाधि को कभी नहीं खोना चाहिए। अनाग्रह की चेतना का विकास करते हुए नकारात्मक विचारों का विसर्जन करना सीखना चाहिए। अंत में कार्यक्रम की संयोजिका ममता मंडोत ने आभार ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संयोजन साध्वी विज्ञप्रभा जी ने किया।