मंगल विहार

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मंगल विहार

बायतु
स्थानीय तेरापंथ भवन में मुनि स्वास्तिक कुमार जी एवं मुनि सुपार्श्‍व कुमार जी ने फलसुंड की ओर मंगल विहार किया। मुनिश्री ने एक माह के प्रवास को साताकारी बताते हुए कहा कि कोरोना जैसी महामारी के दौर में लॉक डाउन होने के बावजूद भी कहीं ऐसा नहीं लगा कि कुछ असुविधाजनक हो। इस अवसर पर मुनि स्वास्तिक कुमार जी ने कहा कि पूज्यवरों की कृपा प्राप्त बायतु वासियों की श्रद्धा भावना बहुत अच्छी है। जागरूकता भी अच्छी है। आगामी मर्यादा महोत्सव ऐतिहासिक बने इसके लिए संपूर्ण श्रद्धाभाव से संगठित रूप से इस प्रकार कार्य करें कि बायतु मर्यादा महोत्सव इतिहास में अप्रतिम मर्यादा महोत्सव के रूप में अंकित हो।
इस अवसर पर मुनिश्री ने एक माह के बायतु प्रवास पर मंगल गीत की रचना की, जो अत्यंत ही मनभावक लगी। मुनि सुपार्श्‍व कुमार जी ने अपने वक्‍तव्य में कहा कि बायतु में चातुर्मास नहीं है, लेकिन बाड़मेर भी दूर नहीं अनुकूलता रहे ऐसे भवन खुला रहे, तप-जप साधना सतत रूप में चलती रहे। आपश्री ने भी युवाशक्‍ति को संदेश में कहा कि मर्यादा महोत्सव अनूठा बने ऐसी पहल युवाओं को अपनी सक्रिय भूमिका के माध्यम से अभी से करनी चाहिए। जप-ध्यान, आत्मसाधना की द‍ृष्टि से महावीर जयंती और अखातीज का प्रवास मंगलकारी रहा। तेरापंथी सभा अध्यक्ष जेठमल छाजेड़ ने मुनिश्री के प्रवास एवं विहार विस्तृत जानकारी दी।