लोगस्स तथा नमस्कार महामंत्र प्रतियोगिता का आयोजन

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लोगस्स तथा नमस्कार महामंत्र प्रतियोगिता का आयोजन

जीन्द
तेरापंथ भवन में शासनश्री साध्वी कुंथुश्री जी के सान्‍निध्य में तेयुप तथा महिला मंडल, जीन्द के संयुक्‍त तत्त्वावधान में लोगस्स तथा नमस्कार महामंत्र की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। साध्वीश्री जी के मंत्रोच्चार से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। साध्वी कुंथुश्री जी ने कहा कि लोगस्स का पाठ महत्त्वपूर्ण है, इसमें चौबीस तीर्थंकरों की स्तुति है। यह सप्तपदी मंत्र है। लोगस्स में कहा गया है कि मुझे आरोग्य, शरीर का आरोग्य मन की स्वस्थता मिले। बोधि मिले, चेतना मिले, समाधि मिले, जो समाधि में चला जाता है वह आधि, व्याधि, उपाधि से मुक्‍त हो जाता है। नमस्कार महामंत्र सब पापों को नाश करने वाला है। चौदह पूर्वों का सार है। इसकी साधना महान आराधना है। इसमें अर्हत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय तथा साधुओं को नमस्कार किया गया है। सभी प्रतियोगी पूरी तैयारी के साथ आए, उत्साह से भाग लिया। प्रतियोगिता की प्रस्तुति सुंदर रही। कार्यक्रम की रूपरेखा बनाने में सर्वाधिक श्रम साध्वी सुलभयशा जी का रहा। कार्यक्रम में निर्णायक की भूमिका डॉ0 अनिल जैन, डॉ0 सुरेश जैन, महिला मंडल अध्यक्ष कांता मित्तल ने निभाई। दोनों प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को पुरस्कृत किया गया। निर्णायकों को महिला मंडल, जीन्द से साहित्य से सम्मानित किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में कुणाल मित्तल, राजेश जैन, गौरव जैन का अथक परिश्रम रहा। संचालन कुणाल मित्तल ने किया। कार्यक्रम के प्रायोजक श्रीचंद जैन को तेरापंथ सभा द्वारा साहित्य से सम्मानित किया गया।