जैन संस्कार विधि से मासखमण तपस्या का पारणा

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जैन संस्कार विधि से मासखमण तपस्या का पारणा

इचलकरंजी
साध्वी प्रज्ञाश्री जी की प्रेरणा व आशीर्वाद से अशोकचंद लोढ़ा की धर्मपत्नी मंजुदेवी लोढ़ा की मासखमण (27) की तपस्या का सातापूर्वक पारणा तप अनुष्ठान संपूर्ति संस्कार द्वारा संपूर्ण परिवार की उपस्थिति में संपादित हुआ। संस्कारक पंकज जोगड़ एवं संस्कारक विकास सुराणा ने संपूर्ण जैन विधि से यह कार्यक्रम संपन्‍न किया।
कार्यक्रम की शुरुआत नवकार महामंत्र से हुई तद्पश्‍चात वंदना आनंद पुलकित गीतिका का सामुहिक संगान किया गया। तपस्वी द्वारा मंगलभावना पत्रक की स्थापना की गई, वृहद नवकार मंत्र, नव ग्रह मंत्र, मंगलभावना, लोगस्स के ध्यान पश्‍चात तपस्वी बहन का पारणा परिवार में सबसे छोटे उनके दोहिते के हाथ से हुआ। संस्कारकों ने जैन विधि का महत्त्व समझाया और प्रभावना व उपहार आदि न देने-लेने का संकल्प करवाया। तपस्वी बहन ने एक साल के लिए आध्यात्मिक प्रत्याख्यान किया। अंत में मंगलपाठ से इस कार्यक्रम की पूर्णाहूति हुई। उपस्थित सभा अध्यक्ष ने अनुमोदना की।