आचार्य भिक्षु एक महातपस्वी संत थे

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आचार्य भिक्षु एक महातपस्वी संत थे

बीकानेर
आचार्य भिक्षु का 219वाँ चरमोत्सव सेवा केंद्र व्यवस्थापिका साध्वी पावनप्रभा जी के सान्‍निध्य में मनाया गया। इस अवसर पर साध्वी पावनप्रभा जी ने कहा कि आचार्य भिक्षु एक महातपस्वी संत थे। वे ऐसे महामानव थे, जिनके पदचिों पर आज लाखों लोग चल रहे हैं। साध्वी रम्यप्रभा जी ने कविता के माध्यम से अपनी भावनाएँ प्रस्तुत की। जैन महासभा अध्यक्ष जैन लुणकरण छाजेड़ ने कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ की स्थापना उच्च मनोबल व संकल्प शक्‍ति के योग से ही संभव हुई। उन्होंने कहा कि राजनगर के आगम के जानकार श्रावक नहीं होते तो तेरापंथ का जन्म नहीं होता। तेरापंथी सभा के अध्यक्ष अमरचंद सोनी, महिला मंडल अध्यक्षा ममता रांका, तेयुप के अध्यक्ष विजेंद्र छाजेड़, मुदित ललवानी, सुंदरलाल छाजेड़, करनीदान रांका, राजेंद्र सेठिया, गरिमा सेठिया, चैनरूप छाजेड़, धर्मेन्द्र डाकलिया ने विचारों की अभिव्यक्‍ति दी।