विकास के पर्याय थे आचार्यश्री तुलसी

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विकास के पर्याय थे आचार्यश्री तुलसी

गुवाहाटी
तेरापंथी सभा के तत्त्वावधान में स्थानीय तेरापंथ धर्मस्थल में विकास महोत्सव का आयोजन किया गया। सभा अध्यक्ष झनकार दुधोड़िया ने कहाआचार्य तुलसी विकास के पर्याय थे। आचार्यश्री तुलसी ने जीवन-भर अपनी जन्मजात प्रतिभा के पौरुष से संयोजित कर संघ को विकास के शिखरों पर आरूढ़ किया। कार्यक्रम का शुभारंभ सामुहिक नमस्कार महामंत्र से हुआ। सभा के मंत्री निर्मल सामसुखा ने अपने वक्‍तव्य के माध्यम से सभी का स्वागत-अभिनंदन किया। इस अवसर पर सभा के कार्यकारिणी सदस्य रितेश खटेड़, तेममं की मंत्री सुशील मालू, तेयुप के उपाध्यक्ष सुनील जम्मड़, अणुव्रत समिति के उपाध्यक्ष बजरंग बैद, टीपीएफ के अध्यक्ष रामचंद्र संचेती व मंत्री प्रवीण छाजेड़ आदि ने अपने विचार व्यक्‍त किए। उपासिका बहनों ने गीतिका का संगान किया। कार्यक्रम में सभी संघीय संस्थाओं के पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सभा के उपाध्यक्ष दिलीप दुगड़ ने किया। इस अवसर पर संवत्सरी महापर्व के उपलक्ष्य पर उपवास करने वाले 7 साल तक के बच्चों को कमलेश-रेणु देवी सुराणा के सोजन्य से पुरस्कृत किया गया।