आध्यात्मिक मिलन समारोह

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आध्यात्मिक मिलन समारोह

बोइनपल्ली
बोइनपल्ली प्रत्युषा आर्केड में चातुर्मासिक प्रवास कर रही साध्वी मधुस्मिता जी के साथ बोलाराम में चातुर्मासिक प्रवास कर रही साध्वी काव्यलता जी का आध्यात्मिक मिलन हुआ। बोइनपल्ली, बोलाराम, मानसरोवर के श्रावक-श्राविका समाज में अभिनव उसाह छाया हुआ था। दो नदियों के आध्यात्मिक संगम द‍ृश्य को देखने का। साध्वी मधुस्मिता जी ने अपनी सहवर्ती साध्वियों के साथ लगभग 2 किलोमीटर तक सामने जाकर साध्वी काव्यलता जी आदि साध्वियों की जो भावपूर्ण अगवानी की वह अपने आपमें अनिर्वचनीय है।
आध्यात्मिक मिलन कार्यक्रम में साध्वी मधुस्मिता जी ने कहा कि संवत्सरी महापर्व की परिसंपन्‍नता के बाद क्षमायाचना के सौद्देश्य से साध्वी काव्यलता जी का समागमन हुआ है। साध्वी काव्यलता जी के प्रति आध्यात्मिक प्रमोद भावना प्रकट करते हुए कहा कि इनमें बड़ों के प्रति विनय और आदर की भावना है, वाणी में मधुरता है, व्यवहारकुशलता और मितभाषिता से सभी को अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। इनकी दीक्षा के 39 वर्षों में यह पहला अवसर है कि हम इनसे इस प्रकार मिले हैं। यह अनुपम अवसर है।
साध्वी काव्यलता जी ने आध्यात्मिक मिलन के इस अवसर पर कहा कि आज हम प्रबुद्ध, चिंतनशील, संघपति के प्रति समर्पित वात्सल्यमयी साध्वी मधुस्मिता जी के दर्शन कर अपने आपमें धन्यता का अनुभव कर रहे हैं। क्षमायाचना के इस अवसर पर हम सबसे पहले साध्वी मधुस्मिता जी आदि सभी साध्वियों से क्षमायाचना कर धन्यता का अनुभव कर रहे हैं। इस अवसर पर साध्वी स्वस्थप्रभा जी, साध्वी भावयशा जी, साध्वी सहजयशा जी, साध्वी मल्लीप्रभा जी ने अपने भावपूर्ण वक्‍तव्य देते हुए सुमधुर गीतिका का संगान किया। साध्वी ज्योतियशा जी, साध्वी सुरभिप्रभा जी ने अपने कृतज्ञ भावों को प्रकट करते हुए गीतिका का संगान करते हुए सभी से क्षमायाचना की। क्षमायाचना के अवसर पर आध्यात्मिक मिलन कार्यक्रम में तेरापंथ सभा, सिकंदराबाद के अध्यक्ष सुरेश सुराणा, तेयुप के अध्यक्ष प्रवीण श्यामसुखा, तेममं की अध्यक्ष अनीता गीडिया, टीपीएफ के अध्यक्ष मोहित बैद, बोइनपल्ली चातुर्मास व्यवस्था के संयोजक सतीश दुगड़, मुकेश सुराणा ने आध्यात्मिक मिलन के सौहार्दपूर्ण द‍ृश्य की सराहना करते हुए अपने विचार रखे। बोइनपल्ली से सुमधुर गायिका ममता दुगड़ ने गीतिका का संगान कर भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम का संचालन काव्य शैली से तेयुप के मंत्री वीरेंद्र घोषल ने किया।