‘सुरों का महासंग्राम’  फाईनल का आयोजन

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‘सुरों का महासंग्राम’ फाईनल का आयोजन

जयपुर
अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के निर्देशन में तेरापंथ धर्मसंघ की संगीत के क्षेत्र में उभरती हुई प्रतिभाओं को एक मंच प्रदान करने की द‍ृष्टि से सरगम (युगल गायन प्रतियोगिता) का आयोजन देशभर में किया गया। फाइनल राउंड का आयोजन अणुविभा केंद्र में तेयुप, जयपुर द्वारा किया गया। सरगम फाईनल की मेजबानी करते हुए तेयुप, जयपुर के अध्यक्ष राजेश छाजेड़ ने पधारे हुए अतिथियों का स्वागत-अभिनंदन किया। अभातेयुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप कोठारी ने कहा कि सचमुच में हमारा जीवन भी एक सरगम है। जब तक सुर और ताल नहीं मिलते हम आगे नहीं बढ़ सकते। जहाँ सुर और ताल मिलते हैं, तभी संगीत में माधुर्य आता है। ठीक वैसे ही एक-दूसरे का अपनापन, सौहार्द, समन्वय और तालमेल मिलता है। तब जीवन में संगीत बजता है और वही संगीत हमें अपने वातावरण, अपने परिवेश में मधुर बनाता है। कार्यक्रम में अभातेयुप के उपाध्यक्ष-प्रथम अमित नाहटा, उपाध्यक्ष-द्वितीय महेश बाफना, महामंत्री मनीष दफ्तरी, सहमंत्री-प्रथम अनंत बागरेचा, सहमंत्री-द्वितीय अभिषेक पोखरना, कोषाध्यक्ष दिनेश पोखरना, संगठन मंत्री जयेश मेहता, अभातेयुप कार्यसमिति सदस्य यशवंत रामपुरिया, जयपुर से हितेश भांडिया, सिद्धार्थ गधैया, कपिल दुगड़, ॠषभ बैद सहित अनेकों गणमान्य सदस्यों की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अभातेयुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप कोठारी ने गायक कलाकारों की आधुनिक वाद्ययंत्रों के साथ आकर्षक एवं सुरीली प्रस्तुति से प्रभावित होकर उन्होंने कहा कि गुलाबी नगरी में भारत के विभिन्‍न प्रांतों से आए हुए संभागियों ने अपने भक्‍तिमय संगीत के वाद्य से इस तरह का समा बाँधा कि पूरा वातावरण संगीतमय हो गया। यह पूरा आयोजन अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मापदंडों पर आयोजित किया गया। फाईनल में पहुँची सभी 15 टीमों के संभागियों ने ऐसा समा बाँधा कि लोग मंत्रमुग्ध हो गए।
अभातेयुप के कार्यक्रम का संचालन करते हुए सोनल पिपाडा ने बताया कि संगीत-गायन के क्षेत्र में युवा प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करना, इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। आधुनिक वाद्ययंत्रों से युक्‍त इस संगीतमय शाम में सरगम के फाईनल राउंड में देशभर के प्रतिभागियों के साथ जयपुर सहित 15 टीमों की प्रस्तुति हुई।
भारत में संगीत के क्षेत्र में अपना एक अलग स्थान रखने वाले लुधियाना की उर्वशी चौपड़ा व दर्शन चौपड़ा (भाई-बहन की जोड़ी) को सरगम फाईनल की विजेता टीम के रूप में चुना गया। इसके साथ ही द्वितीय स्थान अहमदाबाद की पल्लवी टाटिया व जिज्ञासा पींचा तथा तृतीय स्थान पर सूरत की राजुल सुराणा व जिनल जैन को चुना गया।
अहमदाबाद के दीपक संचेती व धीरज पोखरना, मुंबई की तारा आछा व अनिक आछा, डोंबीवली की करिश्मा कोठारी व कोमल इंटोदिया, केलवा की जागृत कोठारी व झील कोठारी, सूरत की अर्चना बैद व अर्पिता संचेती को इस तरह कुल 5 टीमों को सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित किया गया। तेयुप, जयपुर से सरगम टीम के सदस्य सुनील डागा व धर्मेन्द्र बोथरा ने प्रस्तुति देकर जयपुर का नाम रोशन किया। तेयुप, जयपुर के अध्यक्ष राजेश छाजेड़ ने बताया कि कार्यक्रम में उदारमना महानुभावों ने हमें मुक्‍त हस्त सहयोग प्रदान किया, उनमें मुख्य प्रायोजक के रूप में बच्छावत परिवार, प्रायोजक धनराज भीकमचंद हेमराज पुगलिया, राजेश पटावरी, प्रमोद महेंद्र नरेंद्र छाजेड़ से सहयोग प्राप्त हुआ। सरगम की प्रेक्टिस, कार्यक्रम और आवास व्यवस्थाओं के संदर्भ में अणुविभा, जयपुर केंद्र के अध्यक्ष पन्‍नालाल बैद व उनकी पूरी टीम का सहयोग रहा। सभी ने कार्यक्रम की प्रशंसा की।
जयपुर परिषद के मंत्री सुरेंद्र नाहटा ने बताया कि सरगम की संयोजना में राष्ट्रीय प्रभारी लक्‍की कोठारी व सह-प्रभारी सुनील चंडालिया के साथ तेयुप, जयपुर टीम के सदस्यों ने सरगम का जो भव्यतम स्वरूप प्रदान किया उसको शब्दों में बयाँ नहीं कर सकते। कार्यक्रम में राष्ट्रीय, प्रांतीय व स्थानीय स्तर की सभा-संस्थाओं के गणमान्य सदस्यों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन सिद्धार्थ गधैया ने किया। कार्यक्रम की संयोजना में तेयुप, जयपुर टीम के सभी सदस्यों का उल्लेखनीय श्रम रहा।